नैण मिलाले, खाटूवाले, दीनबन्धु भगवान

नैण मिलाले, खाटूवाले,

तर्ज़ – गाड़ी वाले मन्नै बिठाले, इक बर गाड़ी थाम

नैण मिलाले, खाटूवाले,
दीनबन्धु भगवान,
दया कर थोड़ी सी ।
दुखियाजन को गले लगाले,
व्याकुल हो गये प्राण,
दया कर थोड़ी सी ।।

संकटहारी नाम तेरा,
दुनिया में सरनाम तेरा ।
सुणै नहीं के तन्नै भी,
बहरा हो गया कान तेरा ।
कृपासिन्धु क्यूँ मीट लगाई,
करदे झट फरमान, दया कर थोड़ी सी ।।

दया दरद की मेरै तूं,
दरदी नै नहीं हेरै तूं ।
बात बणै जद श्यामधणी,
सीधो पासो गैरे तूं ।
मेरी लाज बृजराज बचाले,
पलक उठा पहचान, दया कर थोड़ी सी ।।

बेदम है फरियाद मेरी,
के ऐं सैं किन्ही देरी ।
हिवड़ो चीर दिखा न सकूँ,
बाण मना भूलै तेरी ।
शरणागत की बाँके बिहारी,
राखै तूं ही स्यान, दया कर थोड़ी सी ।।

श्यामबहादुर चेत करो,
‘शिव’ सैं भी अब हेत करो ।
श्यामदेव मेरी रक्षा,
दाता कुटुम समेत करो ।
निर्बल को बळ, निर्धन को धन,
विनती ले तूं मान, दया कर थोड़ी सी ।।

मीट = झपकी, पलकें बंद करना
हेरै = ढूंढ़ना ● बाण = आदत
मना = मत ना ● कुटुम = कुटुम्ब
स्यान = शान, लाज

श्रद्धेय स्व. शिवचरणजी भीमराजका
द्वारा ‘गाड़ी वाले मन्नै बिठाले, इक बर
गाड़ी थाम’ भजन की तर्ज़ पर रचित
अनुपम श्याम वन्दना ।