तर्ज – धीरे धीरे बोल कोई सुन न ले
राधे राधे बोल श्याम आएंगे ,
आएंगे श्याम आएंगे,
अरे बरसाना कहाँ दूर है ,
ये वृंदावन कहाँ दूर है
तेरी नज़र का कसूर है.
राधे राधे बोल श्याम आएंगे ,
आएंगे श्याम आएंगे,
निकलेगा मेरी हरि भक्ति का परिणाम,
मेरे घर भी आएंगे घनश्याम,
मैं भी प्यासा हरिदास हूँ,
राधा जी का खासम खास हूँ,
सुनकर देर ना लगाएंगे
राधे राधे बोल श्याम आएंगे ,
आएंगे श्याम आएंगे,
लाखों से किसी एक को चुनते है,
अंदर की आवाज को सुनते है
बस याद कर फरियाद कर
ना यु जीवन बर्बाद कर,
बीते दिन लौट न आएंगे
राधे राधे बोल श्याम आएंगे ,
आएंगे श्याम आएंगे
प्रेम के आंसू जिनके बहते हैं,
उनके तो हरि संग में रहते है
मैं भी प्यासा हरिदास हूँ,
राधा जी का खासम खास हूँ,
सुन कर हरि देर न लगाएंगे
राधे राधे बोल श्याम आएंगे ,
आएंगे श्याम आएंगे
न देखे कोई धर्म कर्म कोई जात,
जाने बस भक्तों के दिल की बात
वो सब जान के पहचान के ,
एक बार वो अपना मान ले,
फिर आकर गले लगाएंगे
राधे राधे बोल श्याम आएंगे ,
आएंगे श्याम आएंगे
न बस याद कर फ़रियाद कर,
न यू जीवन बर्बाद कर,
बीते दिन फिर लौट न आएंगे
राधे राधे बोल श्याम आएंगे ,
आएंगे श्याम आएंगे