शिवशंकर भोळा

तर्ज – म्हारी चन्द्रगवरजा शिवशंकर भोळा,छाणो थे गोळा,नित की भांग का ।। हरी-हरी बिजिया, आक धतूरा,घोटो विशवा-बीस,अंग भभूति सर्पमाळ गळ,गंग …

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