झूठी स्वार्थ की दुनिया ये सारी
तर्ज … इतनी शक्ति हमें देना दाता झूठी स्वार्थ की दुनिया ये सारी ,यहां किसको कहें हम हमारा ।सारे रिश्ते …
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तर्ज … इतनी शक्ति हमें देना दाता झूठी स्वार्थ की दुनिया ये सारी ,यहां किसको कहें हम हमारा ।सारे रिश्ते …
तर्ज- दरबार है निराला क्या हाल है हमारा, देखों तो श्याम प्यारे ।तुम भूल क्यूं गए हो, हम हैं तेरे …
तर्ज – आज मंगलवार है श्याम के दरबार से खाली नहीं जाएंगे,खाली झोली आये हैं, भरके झोली जाएंगे,श्याम के दरबार …
तर्ज:- तेरे दरबार में आकर मैं जी भर देखलूँ तुमको, तो दिल को चैन आ जाये,मगर डरता हूँ साँवरिया, नजर …
तर्जः बाबुल का ये घर गुरू आलुसिंहजी की म्हाने याद सतावे हैछोड़ गया भगतां न, म्हारो हियो भर आव है …
तर्ज़ – ये रेशमी जुल्फें, ये शरबती आँखें नैनों की पुतलियों में, सरकार रम गये हैं,दर्द की दास्तां, फिर सुनाऊँ …
तर्ज़ – गाड़ी वाले मन्नै बिठाले, इक बर गाड़ी थाम नैण मिलाले, खाटूवाले,दीनबन्धु भगवान,दया कर थोड़ी सी ।दुखियाजन को गले …
तर्ज – धीरे धीरे बोल कोई सुन न ले राधे राधे बोल श्याम आएंगे ,आएंगे श्याम आएंगे, अरे बरसाना कहाँ …
तर्ज – कुण सूनेलो किन सुनावुं तेरे बिन श्याम अब, रहा नहीं जाये,दर्द जुदाई का, सहा नहीं जाये।। व्याकुल है …
तर्ज : एक प्यार का नगमा है रोती हुई आँखों को, मेरे श्याम हँसाते है,जब कोई नहीं आता, मेरे श्याम …