एक तो तेरी टेड़ी चाल

एक तो तेरी टेड़ी चाल

तर्ज़ :- तौबा ये मतवाली चाल

एक तो तेरी टेड़ी चाल,
उस पर ये घुँघराले बाल,
रूप सज़ाके, बनडा बनाके,
भक्तो ने किया कमाल,
कान्हा, ऐसा श्रृंगार कहाँ,
एक तो तेरी टेड़ी चाल……

सुंदर फ़ूलों का, गाज़रा बनाया,
केसरिया बगा बाबा, तुझे पहनाया,
मोर मुकुट तेरे, माथे सज़ा के,-२
इत्र है तन पर, इतना लगाया,
की महका, ऐसा दरबार कहाँ,
एक तो तेरी टेड़ी चाल……

कलयुग का तू है बाबा, देव निराला,
हर मुश्किल में, तुमने  संभाला, 
रोकर के भी जिसने, तुझको पुकारा,-२
सारे दुखो से, तुमने निकाला,
ओ कन्हा ऐसी सरकार कहाँ,
एक तो तेरी टेड़ी चाल……

यही दिल मे था तुझसे, मिलकर ऐ बाबा,
शिकायत करूंगा मै ,पहले से ज्यादा,
मिलाई जो नज़रे , हुआ मै दीवाना,-२
भूल गया सारा, शिकवा पुराना,
कही भी, ऐसा प्यार कहाँ,
एक तो तेरी टेड़ी चाल……

एक तो तेरी टेड़ी चाल,
उस पर ये घुँघराले बाल,
रूप सज़ाके, बनडा बनाके,
भक्तो ने किया कमाल,
ओ कान्हा, ऐसा श्रृंगार कहाँ,
एक तो तेरी टेड़ी चाल……

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