तर्ज – आज मंगलवार है
श्याम के दरबार से खाली नहीं जाएंगे,
खाली झोली आये हैं, भरके झोली जाएंगे,
श्याम के दरबार से……………………. ।
बड़ी दूर से आस लगाकर, तेरे दर पे आये हैं,
अब तो संकट मेटो बाबा दुःख के बहुत सताए हैं,
तेरे दर को छोड़कर और कहाँ हम जाएंगे,
खाली झोली आये है, भरके झोली जाएंगे…..
भटक भटक कर ये जग देखा कोई नहीं हमारा हो,
तेरा ही आधार हमें तो तेरा एक सहारा हो,
तेरी महिमा श्याम हम भूल कभी ना पायेंगे,
खाली झोली आये है, भरके झोली जाएंगे,
श्याम के दरबार से खाली नहीं जाएंगे,
खाली झोली आये हैं, भरके झोली जाएंगे,
श्याम के दरबार से……………………. ।
अनगिण पापी तारे तुमने अनगिण भगत उबारे है,
एक तेरे दर्शन से बाबा हो गए वारे न्यारे है,
दर्शन करने आये है दर्शन करके जाएंगे,
खाली झोली आये है, भरके झोली जाएंगे,
श्याम के दरबार से खाली नहीं जाएंगे,
खाली झोली आये हैं, भरके झोली जाएंगे,
श्याम के दरबार से……………………. ।
नज़र दया की हमपे रखना, सदा बुलाते रहना हो,
सबकी झोली भरदो बाबा बिन्नू का ये कहना हो,
सेवक तेरे द्वार से, हँसते हँसते जाएंगे,
खाली झोली आये है, भरके झोली जाएंगे,
श्याम के दरबार से खाली नहीं जाएंगे,
खाली झोली आये हैं, भरके झोली जाएंगे,
श्याम के दरबार से……………………. ।