श्याम का भरोसा जिसे नहीं घबराता है,
हारे का सहारा श्याम लाज बचाता है,
श्याम का भरोसा जिसे नहीं घबराता है,
जिसने भी जोड़ा नाता उसका बना ये दाता,
सारे जमा खर्च का ये ही सम्भाले खाता,
उसे कोई चिंता नहीं मौज उड़ाता है,
हारे का सहारा श्याम लाज बचाता है,
टूटी भले हो नैया घनश्याम है खिवैयाँ,
अंधे की लाठी बनता मेरा संवारा कन्हैयाँ,
प्रेमियों का मान रखे लाड लड़ाता है,
हारे का सहारा श्याम लाज बचाता है,
चाहे जग बैरी होवे न बाल बांका होवे,
विष अमृत में ढल जाता पानी में पत्थर तैरे,
भक्त पुकारे तो ये दौड़ा दौड़ा आता है,
हारे का सहारा श्याम लाज बचाता है