तर्ज़ – मैं तेरे इश्क में मर ना जाऊं कहीं ….
श्याम दिखता नहीं,पर वो मौजूद है,
जब मिलेगा इशारा,समझ आएगा,
दीन दुखियों का है,एक सहारा यही,
अभिमानी को,ये ना समझ आएगा,
श्याम दिखता नही,पर वो मौजूद है ।।
कोई जान ना पाया,कैसा राज है,
जिसका कोई नहीं,ये उसके साथ है,
डूबती नाव कैसे,हुई पार है,
ये चमत्कार करता है,भक्तों के संग,
ये गुरु की शरण में,समझ आएगा,
श्याम दिखता नही,पर वो मौजूद है,
जब मिलेगा इशारा,समझ आएगा
ये ना आए,कराए अहसास है,
सच्चे भक्तों के,रहता आस पास है,
ये ही इतिहास है,ये ही विश्वास है,
सुर तुलसी को,नरसी को दर्शन दिए,
उनकी लीला का कोई,समझ पाएगा,
श्याम दिखता नही,पर वो मौजूद है,
जब मिलेगा इशारा,समझ आएगा
श्याम दिखता नहीं,पर वो मौजूद है,
जब मिलेगा इशारा,समझ आएगा,
दीन दुखियों का है,एक सहारा यही,
अभिमानी को,ये ना समझ आएगा,
श्याम दिखता नही,पर वो मौजूद है