श्री कृष्णा से सीखने की बातें
आत्मा का अंतिम लक्ष्य परमात्मा में मिल जाना होता है।
इंसान नहीं, उसका मन किसी का दोस्त या दुश्मन होता हैं।
बड़प्पन वह गुण है जो पद से नहीं, संस्कारों से प्राप्त होता है।
व्यक्ति या जीव का कर्म ही उसके भाग्य का निर्माण करता है।
वर्तमान परिस्थिति में जो तुम्हारा कर्तव्य है, वही तुम्हारा धर्म है।