श्री कृष्णा कहते है

श्री कृष्णा कहते है

~ मैं हीं इस सृष्टि की रचना करता हूँ, मैं हीं इसका पालन-पोषण करता हूँ और मैं हीं इस सृष्टि का विनाश करता हूँ।

~ कृष्ण कहते हैं जब – जब संसार में धर्म की हानि होगी, अधर्म की विजय। तब – तब मैं इस पृथ्वी पर अवतार लूंगा।

~ अमीर बनने के लिए एक एक क्षण संग्रह करना पड़ता है, किन्तु अमर बनने के लिए एक एक कण बांटना पड़ता है।

~ जिंदगी में सब कुछ ख़त्म होना जैसा कुछ भी नही होता, हमेशा एक नही शुरूआत हमारा इन्तजार कर रही होती हैं।

~ हे अर्जुन !, मैं भूत, वर्तमान और भविष्य के सभी प्राणियों को जानता हूँ, किन्तु वास्तविकता में कोई मुझे नहीं जानता।

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