झालर झांझ मजीरा बाजे रे

झालर झांझ मजीरा बाजे रे

तर्ज – ढोला झांझ मजीरा बाजे रे

झालर झांझ मजीरा बाजे रे ,
खाटू के सुंदर मंदिर में बाबो , नाचे रे
बाबो नाचे रे , दयालु नाचे रे ,
म्हारो छैल सांवरो नाचे रे
वो रास रचाए नाचे रे ।।
झालर झांझ मजीरा…

भारत राजस्थान में जी ,
खाटू है एक गांव रे
बाबा के परगट होने से ,
यो बन गयो सुंदर धाम रे
सुंदर भवन की शोभा में
दाता दयालु थारो धाम रे

दूर-दूर से यात्री आवे ,
बालक और नर नार रे
दूर-दूर से म्हारे बाबे रे आवे जाकी
शोभा वरणी न जाय रे
बाबा थारी शोभा वरणी न जाय रे।।
झालर झांझ मजीरा…

शीश मुकुट और कानों में कुंडल ,
गले में बाबा तेरे , रत्ना रा हार रे
तेरी हो रही जय जयकार रे
गले में बाबा तेरे वैजयंती माला रे ,
कानों में प्यारा कुंडल रे
तेरी हो रही जय जय कार रे
चरणा में तेर सेवक शीश नवावे रे ।।
झालर झांझ मजीरा…

फागुन सुदी बारस ने मेलो लागे ,
मेले की अजब बहार रे
खीर चूरम का बाबा भोग लगत है
मोदक रा भंडार रे
माखन मिश्री का भोग लगत है
मेवा रा भंडार रे
माखन मिश्री का भोग लगत है
नारियलों का भंडार रे ।।
झालर झांझ मजीरा

लीले घोड़े पर श्याम सुंदर की सवारी ,
कुंड की महिमा अपार रे
जो कोई नर नारी
श्याम बाबा की आरती गावे
हो जावे भवसागर से पार रे
जो कोई नर नारी
खाटू नरेश की आरती गावे
भर जावे सुख संपत्ति का भंडार रे।।
झालर झांझ मजीरा…

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