भाव को भूखो है बाबो,भाव से रिझाले तूं

भाव को भूखो है बाबो,भाव से रिझाले तूं

भाव को भूखो है बाबो,भाव से रिझाले तूं।
भाव से रिझाले इने,भायलो बनाले तूं।

लोकाचारी यो नही जानें, मनका भाव पीछाने है।
प्रेमीडा़ की डोर सांवरो,निज हाथा से ताने है।
अपनी डोर तूं सौंप श्याम ने,दिल की पतंग उडाले तूं।
भाव को…

जीवन की धारा मुड़ जावे,महर करे जद सांवरियो
सारे जीवन मौज उड़ावे, सच्चे मन से ध्यावनियो।
सच्चे मन से श्याम धनी की,हाजरी बजाले तूं।
भाव को..

बड़े चाव से राजी राजी, यो भक्तों के जावे है।
जैसो देख भाव भगत को वैसो रूप बनावे है।
छोटे से लड्डूवे ने चाहे, गोद्द्यां में खिलाले तूं।
भाव को…

ई को है अंदाज नीरालो,कोई समझ नही पावे है।
प्रेम समुंदर बहुत ही गहरो,डुबनियो तिर जावे है।
आंख मिचकर तूं भी अब तो,एक छलांग लगाले तूं।
भाव को..

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