तर्ज़ :- फ़िज़ा के फूल पे आती कभी बहार नही
मैं हूँ गरीब, मेरे पास, फूल हार नही,
मेरे नसीब में प्यारे, क्या तेरा प्यार नही ,
मै कोई भेंट ना लाया ,मै साहूकार नही,
मेरे नसीब में प्यारे , क्या तेरा प्यार नही
खड़े है भक्त हज़ारो ,यहाँ कतारों में,
मैं बदनसीब हुँ शायद ,यहाँ हज़ारों में,
की तेरी करुणा ने जिसकी, सुनी पुकार नही,
मेरे नसीब में प्यारे………
मेरी उम्मीद के तूने, बुझा दिये जो दीये,
सवाल आज भी मेरे ,अगर ना पूरे किये,
ये तेरी हार है प्यारे, ये मेरी हार नही ,
मेरे नसीब में प्यारे……..
दुखो के गहरे भंवर से, निकाल लेगा मुझे,
तू डगमगाने से पहले, संभाल लेगा मुझे,
है जितना तुझपे, किसी पे भी,ऐतबार नही,
मेरे नसीब में प्यारे…….
मैं हूँ गरीब, मेरे पास, फूल हार नही,
मेरे नसीब में प्यारे, क्या तेरा प्यार नही ,
मै कोई भेंट ना लाया ,मै साहूकार नही,
मेरे नसीब में प्यारे , क्या तेरा प्यार नही