श्री कृष्ण कहते है की
~ मन की गतिविधियों, होश, श्वास और भावनाओं के माध्यम से भगवान की शक्ति सदा तुम्हारे साथ है और लगातार तुम्हे बस एक साधन की तरह प्रयोग कर सभी कार्य कर रही है।
~ हर किसी के अंदर अपनी ताकत और अपनी कमज़ोरी होती है। मछली जंगल में नहीं दौड़ सकती और शेर पानी में राजा नही बन सकता, इसलिए अहमियत सभी को देनी चाहिए।
~ धर्म युद्ध में कोई भी व्यक्ति निष्पक्ष नहीं रह सकता है। धर्म युद्ध में जो व्यक्ति धर्म के साथ नहीं खड़ा है। इसका मतलब है वह अधर्म का साथ दे रहा है, वह अधर्म के साथ खड़ा है।
~ अगर कोई मनुष्य हमारे साथ बुरा कर रहा है, तो उसे करने दो यह उसका कर्म है। और समय उसके कर्म का फल उसे जरूर देगा। लेकिन हमें कभी भी किसी के साथ बुरा नहीं करना चाहिए, क्योंकि यही हमारा धर्म है।