तर्ज – मैं तो तुम संग नैन मिलाके
अब तो भव से नाव हमारी,
पार करो मेरे श्याम,
पार करो मेरे श्याम……
हे बनवारी कृष्ण मुरारी,
विनती सुनलो आज हमारी,
मोर मुकुट पीताम्बर धारी,
हाथ बढाकर भक्तो का,
उद्धार करो मेरे श्याम,
पार करो मेरे श्याम,
पार करो मेरे श्याम,
अब तो भव से नांव हमारी,
पार करो मेरे श्याम,
पार करो मेरे श्याम…….
दुर्योधन का मान घटाए,
साग विदुर घर जाके खाए,
द्रोपती का तुम चिर बढ़ाए,
दृष्टि दया की हम पर भी,
एक बार करो मेरे श्याम,
पार करो मेरे श्याम,
पार करो मेरे श्याम,
अब तो भव से नांव हमारी,
पार करो मेरे श्याम,
पार करो मेरे श्याम…….
आ मुरली की तान सुना दो,
मधुबन सारा फिर गूंजा दो,
मेरे मन की प्यास बुझा दो,
मुरली से फिर अमृत की,
बौछार करो मेरे श्याम,
पार करो मेरे श्याम,
पार करो मेरे श्याम,
अब तो भव से नांव हमारी,
पार करो मेरे श्याम,
पार करो मेरे श्याम…….