श्याम खाटू हाले न इब आनो पडसी

श्याम खाटू हाले न इब आनो पडसी

श्याम खाटू हाले न इब आनो पडसी ,
लीले घोड़े वाले न इब आनो पडसी
विपदा सु दास बचानो पडसी ।।

दानी हो वरदानी हो थे,कलयुग में खाटु वासी,,2
पायो‌ है जो रुप, दिखानो पड़सी,
श्याम खाटू वाले न इब आनो पडसी
विपदा से दास ने बचानो पडसी।।

शीश‌ दियो‌ वरदान लियो थे, अमर कियो लीला धारी,,2
सुनी है कहानी या निभानी पड़सी
श्याम खाटू वाले न इब आनो पडसी
विपदा से दास ने बचानो पडसी।।

गणपत दाता, हनुमत दाता, साथ रहवै शिव कैलाशी,,2
भुलू हु मैं राह दिखानो पड़सी
श्याम खाटू वाले न इब आनो पडसी
विपदा से दास ने बचानो पडसी।।

रोता आवै हंसता जावै कोटी कोटी जन अभिलाषी,,2
दुनिया का ताना स बचानो पडसी
श्याम खाटू वाले न इब आनो पडसी

कहे गुरु सांवर श्याम रटै सै, सुख पावै है नर नारी ,,2
शरण पड़ै की निभानी पड़सी
श्याम खाटू वाले न इब आनो पडसी
विपदा सु दास ने बचानो पडसी ।।

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