
तर्ज – ओल्यू
ओ जी ओ मिजाजी महारा साँवरिया
थारी बाबा ओळ्यूं आवै,
बेगा आओ जी साँवरा ।।
थानै तो , मनावां , घणा ….चाव सैं,
थे …हँस-हँस , कण्ठ , लगाओ, …ना , तरसाओ जी , साँवरा ।।
ओ जी ओ मिजाजी म्हारा….
ई , दुनिया सैं , न्यारो , थारो… देवरो,
थे , रतन सिंघासन , बैठ्या,…..हुकुम , सुणाओ जी , साँवरा ।।
ओ जी ओ मिजाजी म्हारा….
नैणा मांही , छलकै , थारै…. नेहड़ो,
थारा , टाबारियां का , अटक्या,…..काम , बणाओ जी , साँवरा ।।
ओ जी ओ मिजाजी म्हारा….
भूल्यां , थारै , टाबारियां नै … नाय सरै,
थारी , जादूगारी , मुरली,…..आज , बजाओ जी , साँवरा ।।
ओ जी ओ मिजाजी म्हारा….
भुलेड़ा-भटक्यां नै , थारो … आसरो,
म्हारी , नैया नाथ , पुराणी,….पार , लगाओ जी , साँवरा ।।
ओ जी ओ मिजाजी म्हारा….
जागरणो , ग्यारस की , चांदण … रात को,
कोई , बारस नै थे , खीर-चूरमों,….खाओ , जी , साँवरा ।।
ओ जी ओ मिजाजी म्हारा….
जीम्यां पाछै , थारा हाथ … धुवायस्यां,
ल्यो दो , बीड़ा थे , मगही पान,…..चबाओ , जी , साँवरा ।।
ओ जी ओ मिजाजी म्हारा….
शर्मा , काशीराम , थारो …बालकियो,
थारा , कह्या-कह्या , हुकुम उठावै,….क्यूं ही , फरमाओ जी , साँवरा ।।
ओ जी ओ मिजाजी म्हारा….