तर्ज़ – आयो सावलियो सरकार
म्हारो कुण रखेगो ध्यान बाबा से बढ़ के
बाबा से बढ़ के रे बाबा से बढ़ के
म्हारो कुण रखेगो ध्यान …………..||
बाबा के ही नाम से यो चाले है गुज़ारो
बाबो ही तो है म्हारे जीने को सहारो
रहनो है म्हाने तो चरणा में पड़ के
म्हारो कुण रखेगो ध्यान …………..||
म्हारो जी चाहवे है मैं खाटू में रम जाऊं
भजन सुनाऊँ अपने बाबा ने मनाऊं
होवे घर छोटो सो मंदिर के अड़ के
म्हारो कुण रखेगो ध्यान …………..||
सेवा सचिन बाबा खूब है निभा सी
नित ईको प्यारो सो श्रृंगार करा सी
हार बनाऊं हिरा मौत्या जड़ के
म्हारो कुण रखेगो ध्यान …………..||