तर्ज – तुझको पुकारे मेरा प्यार
हम पे है तेरा उपकार,
ओ बाबा हम तो पले हैं,तेरी छाँव में,
हम पे है तेरा उपकार।
जब से जुड़ा हूँ तेरे,दरबार से मैं बाबा,
तेरा साथ पाया,
सुख हो या दुख हो,सदा अपने सर पे मैंने,
तेरा हाथ पाया,
इतना दिया है तूने प्यार,
ओ बाबा हम तो पले हैं,तेरी छाँव में,
हम पे है तेरा उपकार।
अहसान इतने,मुझपे किए हैं तूने,
कैसे गिनाऊँ,
रोम रोम डूबा तेरे,कर्जे में तेरा कर्जा,
कैसे चुकाऊँ,
तुमने सँवारा परिवार,
ओ बाबा हम तो पले हैं,तेरी छाँव में,
हम पे है तेरा उपकार।
दिल की तू समझे,बिन समझाए ऐसा,
अहसास होता,
जब जब पुकारुं तुझको,लगता है मेरे तू,
आस पास होता,
ऐसे जुड़े है दिल के तार,
ओ बाबा हम तो पले हैं,तेरी छाँव में,
हम पे है तेरा उपकार।
अंतिम सफर में,अंतिम डगर तक मेरा,
साथ निभाना,
अंतिम समय में मेरी,उंगली पकड़ कर,
अपने संग ले जाना,
रोमी की इतनी मनुहार,
ओ बाबा हम तो पले हैं,तेरी छाँव में,
हम पे है तेरा उपकार।