तर्ज:-मुझे तेरी मुहब्बत का सहारा
तेरी नगरी में,बाबा श्याम,
मैं दिल अपना,ये छोड़ आया,
सजों के,रखना मेरे दिल को-2
तेरे अर्पण मैं कर आया ।।
मेरे दिल की,हर धड़कन में,
तेरा ही नाम आता है,
करुँ मैं रात दिन सेवा-2
मेरा दिल ये,सुनाता है,
तेरी रहमत ही,पाने को,
तेरे दरबार में आया ।।सजों ।।
मेरी ये बस,तमन्ना है,
तेरा दिदार हो जाये,
मैं बैठू सामने तेरे-2
तेरा दिल मुझपे,आ जाए,
तेरा दिदार पाने को,
तेरे दरबार में आया ।।सजों ।।
तेरा दिदार,पाने से,
ये जीवन बन गया मेरा,
किनारे हो गई कस्ती-2
‘निरंजन’ बन गया तेरा,
ये अर्जी है प्रभु तेरी,
तेरे दरबार में लाया ।।सजों ।।
तेरी नगरी में बाबा श्याम,
मैं दिल अपना ये छोड़ आया,
सजों के रखना मेरे दिल को,
तेरे अर्पण मैं कर आया ।।