होने लगी है अब कृपा
नजदीक आ रहे हो,
नैनों के रास्ते प्रभु
दिल में समा रहे हो..!!
चढ़ने लगा खुमार मुझे
मस्ती में क्या कहुं,
चरणों में आप के सदा
बैठा युं ही रहुं,
दीवाना हो गया हुं मैं
तुम मुस्कुरा रहे हो,
नैनो के रास्ते प्रभु
दिल में समा रहे हो..!!
होने लगी है अब कृपा
नजदीक आ रहे हो,
नैनों के रास्ते प्रभु
दिल में समा रहे हो..!!
जादू तुम्हारी हर अदा आये
हाय क्या बांकपन,
अधरों पे झूमती हुई
बंसी पे नाचे मन,
कभी पास आ रहे हो
कभी दुरी बढ़ा रहे हो,
नैनों के रास्ते प्रभु
दिल में समा रहे हो,
होने लगी है अब कृपा
नजदीक आ रहे हो,
नैनों के रास्ते प्रभु
दिल में समा रहे हो..!!
सबको भुला चूका हुं मैं
_ लहरी के श्याम तुम,_
अब और कुछ ना कामना
मेरे चारो धाम तुम,
स्वीकार कर रहा हुं मैं
तुम कही छुपा रहे हो,
नैनों के रास्ते प्रभु
दिल में समा रहे हो..!!
होने लगी है अब कृपा
नजदीक आ रहे हो,
नैनों के रास्ते प्रभु
दिल में समा रहे हो..!!
गायक द्वारा प्रभु के आगमन की अपेक्षा और खुशी के भाव को व्यक्त किया गया है, जैसे “होने लगी है अब कृपा, नजदीक आ रहे हो”। इससे स्पष्ट होता है कि भक्त की प्रतीक्षा और आशा के साथ प्रभु के आगमन की प्रतीक्षा होती है।
गीत में उत्साह और प्रसन्नता के भाव उजागर होते हैं, जैसे “नैनों के रास्ते प्रभु, दिल में समा रहे हो”। यह अनुभव भक्त की अद्वितीय आत्मीयता को दर्शाता है, जो प्रभु के दर्शन से ही संतोष, खुशी और पूर्णता का अनुभव करता है।
गायक अपने भक्तिभाव से प्रभु के सामने अपना आत्मसमर्पण और संबंध प्रकट करते हैं, जैसे “चरणों में आप के सदा, बैठा युं ही रहुं”। यह भाग्यशाली अनुभव को व्यक्त करता है, जो भक्त को प्रभु के साथ निकटता और निकटता का अनुभव कराता है।
सम्पूर्ण गाने में आत्मीयता, भक्ति और प्रेम के भाव उजागर होते हैं, जो भक्त की गहरी संबंध को प्रकट करते हैं। इस गीत में एक अद्वितीय संबंध का अनुभव है, जो प्रभु और उनके भक्त के बीच निकटता, स्नेह और समर्पण को व्यक्त करता है।
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