श्याम तुम्ही से अर्ज़ है मेरी

श्याम तुम्ही से अर्ज़ है मेरी

तर्ज़ – मेरे नैना सावन भादो

श्याम तुम्ही से अर्ज़ है मेरी,
किस्मत का खोल दे, ताला-२
कहां रखी है,चाबी, ये बाबा,
या भूल गया, तू बनाना,
किस्मत का खोल दे ताला

इतना निष्ठुर क्यू है, रूठा मुझसे क्यू है,
दुनियाँ रूठी, तू क्यू रूठा,
धीरज टूट रहा है, बाबा क्यू दूर खड़ा है,
साथ मेरा वो छोड़ गया है,
जिसको अपना माना,
किस्मत का खोल दे ताला….
श्याम तुम्ही से अर्ज़ है मेरी….

बीच भंवर में नैया,
बनजा तू मेरा खिवैया,
मोरछडी तेरी, जादुगारी,
पल में संकट, टाले,
काल भी डर के, भागे,
तेरी चाबी मोरछडी है,
उससे खोल दे ताला,
किस्मत का खोल दे ताला….
श्याम तुम्ही से.. अर्ज़ है मेरी….

बाबा तुमको, बुलाऊं,
कब तक टेर ,,लगाऊँ,
जो तू ना आया,गले ना लगाया,
किसको दर्द दिखाऊं, sss
हाल मै किसको सुनाऊँ,
बिंदु की विनती,सुननी पड़ेगी
क्यू तरसाते हो, इतना,,
किस्मत का खोल दे ताला….
श्याम तुम्ही से अर्ज़ है मेरी….

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