भक्ति शायरी /Bhakti Shayari

Shyam Shayari

हाथ ना हटाई मेरे सिर तों आपणा,मेरे बाबा श्याम।
क्योंकि मेरी हर इक सांस तेरे कोल,गिरवी पई मेरे श्याम
बस तू अपनी नज़र में बुलन्द रखना बाबा,
दुनियाँ नज़र से गिराए यां आसमान से फर्क नहीं पड़ता।

सुबह उठते ही अपने दो काम
पहला गुरु के चरणों में प्रणाम
दुसरा आप सभी को दिल से
जय श्री श्याम

जिंदगी का जो मजा तेरे साथ में है,
वो दिखता तेरे दीवानों की हर बात में है,
खो जाते हम तो दुनिया की भीड़ में ही,
शुक्र है बाबा मेरा हाथ तेरे हाथ में है।

मेरे श्याम…
कभी तो होगी रौशन मेरी भी ज़िन्दगी
इंतज़ार मुझे सुबह का नहीं तेरी रहमत का है

बाबा मेरा दिन बस तेरी बातों मे ही हो ख़त्म
इससे ज्यादा तुमको पाने का और क्या करें जतन
||मेरा मालिक- मेरा श्याम||

प्यारे!
लगता है दिल के दो टुकड़े हो गए है खाटू आने के बाद
एक दुनिया मे आ गया एक तेरे चरणों में ही छुट गया तुझसे नजरें मिलाने के बाद
तुमने कुछ कहा भी नही और मैंने सब कुछ पा लिया तुमसे दिल लगाने के बाद ।

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