कसम तेरे भैया की, यशोदा मैया की,
आज्या करूँ तन्नै याद,
कन्हैया बात मान ले ।।
पोळ पै तिहारी, रंगीला चल्यो आयो,
सुध क्यूँ बिसारी, हूँ जग को सतायो,
कान्हूड़ा कर कृपा, मेरी पीड़ जाण ले ।।
कसम तेरे भैया की, यशोदा मैया की,
आज्या करूँ तन्नै याद,
कन्हैया बात मान ले ।।
बोलो हे मुरारी, यूँ चुप्पी मत धारो,
थारै बिना मेरो, ना साँवरा गुजारो,
प्यार सैं दो घड़ी, मस्ती तूं छाण ले ।।
कसम तेरे भैया की, यशोदा मैया की,
आज्या करूँ तन्नै याद,
कन्हैया बात मान ले ।।
अदा को तिहारी, यो बावळो दीवानो,
साँची खूँ या झूंठी, थे साँवरा पिछाणो,
थारै सैं लागग्यो, मेरो मिजाण ले ।।
कसम तेरे भैया की, यशोदा मैया की,
आज्या करूँ तन्नै याद,
कन्हैया बात मान ले ।।
श्यामबहादुर, पलक तो उघाड़ो,
‘शिव’ को भी हेत, थांसै साँवरिया गाढ़ो,
छानी के आप सैं, सेवक की बाण ले ।।
कसम तेरे भैया की, यशोदा मैया की,
आज्या करूँ तन्नै याद,
कन्हैया बात मान ले ।।
पोळ = दरवाजा, चौखट
गाढ़ो = गाढ़ा, पक्का, मजबूत
छानी = अज्ञात, छिपी हुई
बाण = आदत ● खूँ = कहूँ
मिजाण = मन-मष्तिष्क, दिल, ज्ञान
पिछाणो = पहचानो ● हेत = प्रेम, स्नेह
श्रद्धेय स्व. शिवचरणजी भीमराजका
‘शिव’ द्वारा सर्वप्रिय गीत ‘जे हम तुम
चोरी से बँधे इक डोरी से’ की तर्ज पर
आधारित श्याम वन्दना ।
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